النظام التمثيلي في ظل التعددية كآلية لتجسيد الحكم الراشد في الدستور الجزائري
| dc.contributor.author | Bensihmou, Mohamed Elmehdi | en_US |
| dc.date.accessioned | 2016-06-23T09:14:29Z | en_US |
| dc.date.available | 2016-06-23T09:14:29Z | en_US |
| dc.date.issued | 2016-06-23 | en_US |
| dc.description.abstract | عمى مدى تاريخ الإنسانية الطويل كانت السمطة ترتبط وتختمط بالأشخاص الممارسين ليا، ذلك الاختلاط الذي عبر عنو لويس ال ا ربع عشر بقولو:) أنا الدولة(، وكان الممك ىو صاحب الحق في السيادة، بمقتضى ما لو من الصفات الشخصية، وكانت القاعدة أن السمطة عبارة عن امتياز أو ممك شخصي لمن يمارسيا؛ حيث لم تكن ىناك أي ضوابط أو قيود تكبح جماحو، وفي ىذه المرحمة يمكن القول أنو لا وجود لفكرة التمثيل. | en_US |
| dc.identifier.uri | https://dspace.univ-tlemcen.dz/handle/112/8841 | en_US |
| dc.language.iso | ar | en_US |
| dc.relation.ispartofseries | 2015/2016; | en_US |
| dc.subject | النظام التمثيلي | en_US |
| dc.subject | الحكم الراشد | en_US |
| dc.subject | البرلمان | en_US |
| dc.subject | السلطة | en_US |
| dc.subject | الفساد | en_US |
| dc.subject | الإنتخاب | en_US |
| dc.title | النظام التمثيلي في ظل التعددية كآلية لتجسيد الحكم الراشد في الدستور الجزائري | en_US |
| dc.type | Other | en_US |