تغاير نسق الفاصلة القرآنية بين الإيقاع و الفاصلة
| dc.contributor.author | Cherifi , Abdessamad | en_US |
| dc.date.accessioned | 2013-10-26T15:44:55Z | en_US |
| dc.date.available | 2013-10-26T15:44:55Z | en_US |
| dc.date.issued | 2013-10-26 | en_US |
| dc.description | القرآن الكريم المعجزة الكبرى لا يفني و لاتنقضي عجائبه، و هو معجزة الله الخالدةو هو نبع فياض معجز بفصاحته و أسلوبه و بلاغته، معجز كذلك بنظمه و حروفه و ألفاظه و مخارجه و صفاته، و يعتبر الإعجاز البياني من أعضم وجوه الإعجاز لأنه ينتظم في القرآن كله لا تخلو منه سورة علي قصرها أو طولها، لذلك أعجز هذا القرأن العرب و هم أربابالغة و البيان،فخضعت أعناقهم لبلاغته، و وقف العلماءشاخصين أمام بيانه | en_US |
| dc.identifier.uri | https://dspace.univ-tlemcen.dz/handle/112/2632 | en_US |
| dc.publisher | University of Tlemcen | en_US |
| dc.subject | الفاصلة القرآنية | en_US |
| dc.subject | الإيقاع | en_US |
| dc.subject | المعني | en_US |
| dc.subject | لمعنى | en_US |
| dc.subject | التغاير | en_US |
| dc.subject | النسق | en_US |
| dc.title | تغاير نسق الفاصلة القرآنية بين الإيقاع و الفاصلة | en_US |
| dc.type | Thesis | en_US |